तुझे क्या कोई बनाएगा , मेरे राशिद
तू नहीं है ,फिर भी सभी में तेरा ही आफताब है !
कुछ तुझे समझे ना समझे फिर भी ,
आज उनके सर कांटो का ताज है !
कुछ तुझ तक पहुचे ,उसका हिसाब नहीं,
बस पत्थर पर बैठे , और आधी कायनात
उससे मांगती अब मुराद है !
वाकई तू बेहिसाब है ,तू लाजवाब है !
Theme: A verse about divine creator. we call him as the nature god, allah, bhagwan ...and many names to give.
pic source: qasimsahi.blogspot.com