Monday, September 24, 2012

One Creator, अव्वल अल्लाह أول الله





तुझे क्या कोई बनाएगा , मेरे राशिद
तू नहीं है ,फिर भी सभी में  तेरा ही आफताब  है !

कुछ तुझे समझे  ना समझे फिर भी ,
आज उनके  सर कांटो का ताज है !

कुछ तुझ तक पहुचे ,उसका हिसाब नहीं,
बस पत्थर पर बैठे , और  आधी  कायनात 
उससे मांगती अब  मुराद  है  !
 वाकई तू बेहिसाब है ,तू लाजवाब  है  !






Theme: A verse about divine creator. we call him as the nature god, allah, bhagwan ...and many names to give.

pic source: qasimsahi.blogspot.com

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