Thursday, February 14, 2013

yaar यार یار





 ना हम मिले थे उनसे कभी, ना वो कभी मिले
युहीं अपनी यादों में मुलाकातें होती रही उनसे यार !

ना हमने दिल से बातें की, ना वो कभी कर पाए
बस युहीं  ख़्वाबों में रूबरू होते रहे है वो, मेरे यार !

ना  कभी उन्होंने हमारा दीदार किया
ना हमने कभी , बस इक ताबीर सी रही
उसे ही बस दिल में उतार लिया मेरे यार!

उसके सुर्ख सूखे होठों की लाली बता रही थी 
कितना दर्द छुपा रखा है ?
दिल के दरिया में मेरे यार !

नम आँखें सदियों की तेरी कह रही
अब तनहा शामें  कितनी यार!!

और हलकी सी मुस्कान तेरे चेहरे की
कर रही बस यही बयाँ
कि  तुझे भी जरुरत है किसी की
अब थाम ले मेरा दामन यार!!!



pic source: jattsingh

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