सुबह तेरी फरियाद से बीते
रात मेरी रियाज़ से बीते
जैसे जीता-मरता हूँ !
पूजे हूँ उस अव्वल को
सजदा उसीका करता हूँ !
सर दे दूँ ,आँख ना दूँ
दीदार इसीसे करता हूँ !
जाँ दे दूँ , दिल ना दूँ
पिया को दिल में रखता हूँ !
तुम क्या जानो, इश्के -बेपरवाह
ऐसे ही मै अपना, इश्क सलामत रखता हूँ !
Theme: We all praise the god and believe it's thy soul. An ode how poet praises , seeks divine love of god and feels oneness with him.
pic source: hindugodwallpapersgallery.blogspot.com
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