Monday, January 14, 2013

Makar Sankrant मकर संक्रांत







पौश मास की शीतलता छोड़,अब आदित्य तेज बरसाएँगे
कर्क की कक्षा छोड़ अब श्री भास्कर, मकर मे स्तीथी बनाएँगे
हेमंत मे रंगी धरा  है, जब हर प्रकार के रंगो में
मनु समाज इस अवसर में ,धरती का आँचल रंगोली से सजाएँगे !!

मानसरोवर से लेकर कावेरी के घाटों तक,
द्वारिका के पट से गंगासागर  के पाटों तक,
सप्तधान्य  का आलिंगन कर, सप्तधातु से पुष्ट हो
हर हर गंगे की गर्जना कर गोते लगाएंगे !!

तृप्त होगा तन और मन,धरती के नवागंतुकों  को लेकर
भोगी के इस प्रथम दिवस में ,श्री सूर्य देव और पृथ्वी माँ के चरणों मे
पूजन अर्चन कर सब अपनी कृतज्ञता दर्शाएँगे !!

सजी धरा की हर डाली ,मुस्कुरा रही हर कली
महक रहा हर आँगन अब तिल और गुड की खुशबू से
तिल मे मिल  गई गुड की मिठास,मना रहे सब हर्षो उल्लास
तिलकूट,गज़क और लड्डू, आज मजे  से खाएँगे !!

आज सजेगा अंबर तितलियों की उड़ानों से
पतंग उड़ेगी, इठलेगी-मचलेगी भवरों सा आसमानों में,
आज लड़ेंगे और भीड़ेंगे नील- गगन के गलियारों में,
करेंगे मुहजोरी और करेंगे सीनाजोरी माँजो की तलवारों से,
टीनों मे, टपरों में, चाँदनी और मैदानो आज पतंग उड़ाएंगे !!

और जैसे बढ़ेगा तेज रवि का, ज्ञान-प्रकाश जीवन में बढ़े
जैसे अग्रसर हो जब ऋतू-ग्रीशम की ओर , राग-रोग हो  भाग खड़े
' असतो- मा-सदगमय ' की मंगल भावना साथ लिए संक्रांत मनाएंगे !!


Theme: Makar sankranti is a hindu festival celebrated in winter on the day of transmigration of Sun from Tropic of Cancer to Capricorn.This is also celebrated as the harvest festival in all part of India.
Also Known as Lohri, Nava-khai, hobbillu,Bhogi-sankrant, shishir sakrant...etc.It's a festival of joy prosperity and to thank mother nature.

Pic Source: various.

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