Saturday, January 5, 2013

A Call आवाहन بلاوہ



कोई आज फिर! मृत शारीर में  मेरे,नवजीवन का संचार करे  !
अब बीते ये हिंसा के काली रात,
ना अब अपनों का संहार करें!
बंद करें ये मजहबी तबाही,
मानवता  का फिर इतिहास रचें !

अंधी हुई मानवता अब
अँधा हुआ अब जन मानस है
मौलिक संस्कारों का सिंचन करके
हम सब प्रज्ञावान बने !

शाशन हुआ है मूक बधिर
युवा हो गया है अधीर
उद्यम, साहस धैर्य से भरकर
प्रगति का संधान करें  !

बदले विचार, बदले निश्चय
बदले समाज और देश को
ज्ञान और पराक्रम से तपकर 
हे भारत वंशी , भारत का उत्थान करें !

आवाहन है के ! युवान अखंड हो, प्रचंड हो ,
हो उल्लास्सित , हो पल्लवित एक नयी  शुरुवात करें  !  भारत !


Theme: an Idyll for indians

pic:bbc.co.uk

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