अब बीते ये हिंसा के काली रात,
ना अब अपनों का संहार करें!
बंद करें ये मजहबी तबाही,
मानवता का फिर इतिहास रचें !
अंधी हुई मानवता अब
अँधा हुआ अब जन मानस है
मौलिक संस्कारों का सिंचन करके
हम सब प्रज्ञावान बने !
शाशन हुआ है मूक बधिर
युवा हो गया है अधीर
उद्यम, साहस धैर्य से भरकर
प्रगति का संधान करें !
अंधी हुई मानवता अब
अँधा हुआ अब जन मानस है
मौलिक संस्कारों का सिंचन करके
हम सब प्रज्ञावान बने !
शाशन हुआ है मूक बधिर
युवा हो गया है अधीर
उद्यम, साहस धैर्य से भरकर
प्रगति का संधान करें !
बदले विचार, बदले निश्चय
बदले समाज और देश को
ज्ञान और पराक्रम से तपकर
हे भारत वंशी , भारत का उत्थान करें !
आवाहन है के ! युवान अखंड हो, प्रचंड हो ,
हो उल्लास्सित , हो पल्लवित एक नयी शुरुवात करें ! भारत !
Theme: an Idyll for indians
pic:bbc.co.uk
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