रोकने पर न रुकता, फुदकता
चहकता,मचलता,इठल्ता दिल मेरा !
ख़्वाबों की दुनिया में
दिल्लगी मे दिल लगाता दिल मेरा !
गाता-गुनगुनाता, सुनता-सुनाता
मोहब्बतों की कहानियाँ, दिल मेरा !
बातों ही बातों मे,
बहकता बहकाता दिल मेरा !
आँख लड़ता, आँख चुराता
छुपता छुपाता दिल मेरा !
पर्दा जिससे कर रहा था
उन्ही से टकराता दिल मेरा !
शर्माता घबराता डरता,
धड़कता धड़काता दिल मेरा !
यादों की परछाइयाँ डराती उसे जब
तड़पता, मुसकुराता,महकता दिल मेरा !
टूटे दिलों को मुसकुराता देख
कभी नमी में भींगता दिल मेरा !
धरती को चूमते पत्तों को देख
टूटता गिरता, हौसला बढ़ाता दिल मेरा !
शौंक जला देता परवाने को
इतना समझने की मोहल्लत किसे?
चिंगारियों सा चमकता
सुलगता सुलगाता दिल मेरा !
जलता-जलाता, जुगनुओं सा जगमगाता
और दिलों से इश्क़ लड़ाता दिल मेरा !
No comments:
Post a Comment