Tuesday, November 5, 2013

Dil Mera



रोकने पर न रुकता, फुदकता
चहकता,मचलता,इठल्ता दिल मेरा !

ख़्वाबों  की दुनिया में
दिल्लगी मे दिल लगाता दिल मेरा !

गाता-गुनगुनाता, सुनता-सुनाता
मोहब्बतों की कहानियाँ, दिल मेरा !

बातों ही बातों मे,
बहकता बहकाता दिल मेरा !

आँख लड़ता, आँख चुराता
छुपता छुपाता दिल मेरा !

पर्दा जिससे कर रहा था
उन्ही से टकराता दिल मेरा !

शर्माता घबराता डरता,
धड़कता धड़काता दिल मेरा !

यादों की परछाइयाँ डराती उसे जब
तड़पता, मुसकुराता,महकता दिल मेरा !

टूटे दिलों को मुसकुराता देख
कभी नमी में भींगता दिल मेरा !

धरती को चूमते पत्तों को देख
टूटता गिरता, हौसला बढ़ाता दिल मेरा !

शौंक जला देता परवाने को
इतना समझने की मोहल्लत किसे?

चिंगारियों सा चमकता
सुलगता सुलगाता दिल मेरा !

जलता-जलाता, जुगनुओं सा जगमगाता
और दिलों से इश्क़ लड़ाता दिल मेरा !

No comments:

Post a Comment