Friday, September 21, 2012

Bachpan बचपन بچپن




मेरे बचपन की गलियां
गलियों में यूँ दौड़ लगाना
बड़े बूढों की गाली खाना
ईठल के मचल के उन्हें चिढाना
दोपहरी में उन्हें सताना 
बड़ा याद आता है वो बचपन का ज़माना !

पेड़ में बैठकर घोसलों को ताकना
आसमान की ओर तानकर चिड़ियों को यूँ मार गिरना
भूख लगे जो बन में ,तो उनके अंडे फोड़ के खाना
बड़ा याद आता है वो बचपन का ज़माना !

भोर हुए तो नदी ताल में , दौड़  दौड़कर  डूबकी लगाना
जब आये  स्कूल की बारी जाकर झड़ी में छुप जाना
बड़ा याद आता है वो बचपन का ज़माना !




Theme: Everyone has a childhood and I suppose everyone enjoys it. when we grow up it's just memoirs. Here  is an epigram of my childhood.

pic source:http://www.4to40.com

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