Tuesday, December 25, 2012

रात night رات












हाथों में कलम और किताब लिए बैठे है
बड़ी तनहा सी रात होती है !

चारों तरफ सन्नाटे गूंजते रहते है
बस कुत्तों की ही आवाज़ होती है !

मद्धम सी सर्द हवा जब,पैरों को छु जाती,
और तेरे साथ होने की गर्माहट मुझे  याद आती!!

कुछ लिखने को सोचता हूँ गर,
बरबस तू ही क्यूँ सामने आ जाती है!

दिन युहीं सोचते सोचते गुजर जाता है,
और रात ऐसे फ़नाह  हो जाती है !!!

Theme: Night and its Emptiness.
Pic Source : deviantart.com

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